Haridwar : 'पापा मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं', बेटे की वीडियो कॉल से मचा हड़कंप, पुलिस ने ऐसे बचाई जान!
Haridwar : उत्तराखंड के हरिद्वार में हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसे पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक सुखद अंत में बदल दिया. देहरादून के नेहरू कॉलोनी निवासी एक पिता उस समय सकते में आ गए, जब उनके बेटे ने उन्हें वीडियो कॉल करके आत्महत्या करने की जानकारी दी.
बेटे के मुंह से यह बात सुनते ही पिता के होश उड़ गए और उन्होंने बिना देर किए इसकी सूचना हरिद्वार पुलिस को दी. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए युवक को ढूंढ निकाला और उसकी जान बचा ली, जिसके बाद उसे उसके परिजनों को सुरक्षित सौंप दिया गया.
Haridwar : वीडियो कॉल पर बेटे का दर्द और पिता की बेचैनी
घटना के विवरण के अनुसार, नेहरू कॉलोनी, देहरादून के निवासी ने हरिद्वार पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर अपने बेटे की जान बचाने की गुहार लगाई. पिता ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे ने उन्हें वीडियो कॉल करते हुए कहा, "पापा मैं हर की पैड़ी आया हूं, अब और नहीं सहा जाता, आत्महत्या करने जा रहा हूं." यह सुनकर पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई. उन्होंने तुरंत खुद को संभाला और बेटे को बचाने की हर संभव कोशिश में जुट गए.
पिता ने पुलिस को बताया कि वीडियो कॉल के दौरान बेटे के पीछे काले-सफेद रंग की टाइल्स और गंगा नदी दिखाई दे रही थी. यह जानकारी पुलिस के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई, क्योंकि इससे उन्हें युवक के संभावित स्थान का अनुमान लगाने में मदद मिली. पिता की यह जानकारी पुलिस के लिए एक निर्णायक सुराग बन गई, जिसने बाद में युवक की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई.
Haridwar : हरिद्वार पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सफल बचाव अभियान
मामले की गंभीरता को समझते हुए, हरिद्वार पुलिस ने बिना एक पल गंवाए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी. पुलिस कंट्रोल रूम से तुरंत मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को अलर्ट किया गया और युवक की तलाश के लिए निर्देश दिए गए. हर की पैड़ी क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था में लगे उत्तराखंड पुलिस के जवान तुरंत सक्रिय हो गए.
बताए गए हुलिए और वीडियो कॉल में दिख रहे परिवेश के आधार पर, पुलिसकर्मियों ने त्वरित गति से लड़के की तलाश शुरू की. कुछ ही देर की सघन तलाश के बाद, पुलिस को हर की पैड़ी के आसपास वही काले-सफेद रंग की टाइल्स और गंगा नदी के किनारे एक युवक दिखाई दिया, जो बताए गए विवरण से मेल खाता था. पुलिस ने तुरंत उस युवक के पास पहुंचकर उसे आत्महत्या करने से रोक लिया.
Haridwar : काउंसलिंग और परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया
युवक को बचाने के बाद, पुलिसकर्मियों ने उसे तुरंत पुलिस चौकी हरकी पैड़ी लाया. यहां, पुलिस अधिकारियों ने युवक को समझाया-बुझाया और उसे आत्महत्या जैसे चरम कदम उठाने के परिणामों के बारे में बताया. युवक को भावनात्मक समर्थन प्रदान किया गया और उसकी समस्याओं को सुनने का प्रयास किया गया, ताकि उसकी मानसिक स्थिति को समझा जा सके.
इसके बाद, पुलिस ने युवक के परिजनों को सूचना देकर उन्हें थाने बुलाया. परिजनों के पहुंचने पर, पुलिस ने युवक को उनकी सुपुर्दगी में दे दिया और उन्हें सलाह दी कि वे अपने बेटे की मानसिक स्थिति का विशेष ध्यान रखें और उसे आवश्यक सहायता और परामर्श उपलब्ध कराएं. पुलिस ने परिजनों को यह भी समझाया कि ऐसे मामलों में खुली बातचीत और पेशेवर मदद कितनी महत्वपूर्ण होती है.
Haridwar : मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और समाज की भूमिका
यह घटना एक बार फिर समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और ऐसे संवेदनशील मामलों में त्वरित प्रतिक्रिया की आवश्यकता को रेखांकित करती है. आज के समय में तनाव, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर युवाओं में. ऐसे में परिवार और दोस्तों को अपने प्रियजनों में बदलाव के संकेतों को पहचानने और उन्हें भावनात्मक सहारा देने की जरूरत है.
पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, जिसने न केवल एक युवा की जान बचाई, बल्कि यह भी दिखाया कि आपातकालीन स्थितियों में कैसे त्वरित प्रतिक्रिया और सही जानकारी से बड़ी त्रासदी को टाला जा सकता है. यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि यदि कोई व्यक्ति संकट में है या आत्महत्या के विचारों से जूझ रहा है, तो उसे तुरंत मदद के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य संगठनों की सेवाएं ऐसे समय में अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकती हैं. समाज के रूप में, हमें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक और सहायक होना होगा, ताकि ऐसे जीवन को बचाया जा सके.
Also Read : Uttarakhand : हरिद्वार के जिला चिकित्सक की हत्या की सुलझी गुत्थी, पकड़े गए तीन आरोपी
Watch Video
Watch the full video for more details on this story.