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Uttarakhand : अब कांवड़ यात्रा में नहीं होगा डीजे कंपटीशन, पुलिस ने तय किए सख्त नियम

Uttarakhand : सावन के पावन महीने में पूरा उत्तर भारत इन दिनों शिव भक्ति के रंग में डूबा हुआ है, और लाखों श्रद्धालु पवित्र कांवड़ यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। राज्य पुलिस और प्रशासन भी भोले के भक्तों का पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ स्वागत कर रहा है।

हालांकि, इस बार कांवड़ियों के लिए कुछ विशेष नियम और शर्तें तय की गई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य भक्ति के माहौल को बनाए रखना और तेज आवाज वाले डीजे (DJ) से होने वाले अत्यधिक शोर को नियंत्रित करना है। उत्तराखंड पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे का कोई 'कंपटीशन' नहीं होने दिया जाएगा।

Uttarakhand : भक्ति का स्वर, शोर में न बदले

बाबा भोले की नगरी हरिद्वार इस समय 'बोल बम' के जयकारों से गूंज रही है। देश भर से लाखों श्रद्धालु और कांवड़िए मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पवित्र जल कांवड़ में भरकर अपने-अपने गंतव्य स्थानों की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन, इस भक्तिपूर्ण वातावरण में तब व्यवधान उत्पन्न होता है जब अत्यधिक तेज आवाज वाले डीजे शामिल हो जाते हैं।

इससे भक्ति का मधुर स्वर अक्सर असहनीय शोर में बदल जाता है, जिससे आम लोगों और अन्य श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने इस बार डीजे के इस्तेमाल के लिए कड़े नियम तय किए हैं।

Uttarakhand : 90 को नोटिस, ऊंचे डीजे वापस भेजे गए

उत्तराखंड पुलिस के अनुसार, इस बार प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान 10 फीट से ऊंची कांवड़ लाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस फैसले पर उत्तराखंड के साथ-साथ पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने भी अपनी सहमति जताई है।

इस निर्णय के मद्देनजर, हरिद्वार पुलिस पूरी सख्ती बरत रही है और मानकों का उल्लंघन करने वाले डीजे वाहनों को तुरंत वापस भेजा जा रहा है।

बताया जा रहा है कि अब तक लगभग 90 डीजे संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं, जो निर्धारित नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।

Uttarakhand : डीजे पर केवल भजन और ध्वनि सीमा

पुलिस की सख्ती का असर डीजे की लंबाई और चौड़ाई पर दिखना शुरू हो गया है। हालांकि, अभी भी कुछ डीजे ऐसे हैं जिनकी ऊंचाई तय मानकों से अधिक है। पुलिस ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि डीजे पर केवल भोले बाबा के भजन ही बजाए जाएंगे। किसी भी तरह के भड़काऊ, सांप्रदायिक या जातिगत गाने बजाने की अनुमति नहीं होगी।

इसके साथ ही, डीजे की आवाज तय मानकों से ऊपर नहीं होनी चाहिए, और रात 11 बजे के बाद डीजे बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि डीजे का कोई कंपटीशन न हो और डीजे वाहन से बाहर निकला हुआ न हो। डीजे की अधिकतम ऊंचाई 10 फीट और चौड़ाई 12 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

Uttarakhand : कंपटीशन करने वाले डीजे समूहों पर कार्रवाई

उत्तराखंड पुलिस इस बार उन डीजे संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में है जो कंपटीशन करने का प्रयास करेंगे। हालांकि, इन तमाम प्रतिबंधों के बावजूद, कुछ डीजे संचालक अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं।

हरिद्वार में 10 फीट से ऊंचे डीजे की एंट्री पर रोक लगने के बाद, कई बड़े डीजे समूह उत्तराखंड बॉर्डर पर ही अपने डीजे को नियमों के अनुरूप तैयार करने में जुटे हैं। हर साल ऐसे दर्जनों डीजे होते हैं जिनके बीच तेज आवाज में कंपटीशन होता था, जिनमें कई बड़े और प्रसिद्ध डीजे समूह शामिल होते हैं।

कुछ प्रमुख डीजे ग्रुप जिन पर पुलिस की नजर है, उनमें कसाना डीजे (गाजियाबाद), डीजे रावण (नोएडा), चौधरी डीजे (बुलंदशहर), मोनू डीजे (मेरठ), चेतन डीजे (शामली), अमर डीजे (मेरठ), डीजे बाबा (शामली), परी डीजे (नंद नगरी दिल्ली), शिव डीजे (बुलंदशहर), गौरव डीजे (बुलंदशहर), डीजे सार्जन (झारखंड), और बाबर डीजे (कोलकाता) शामिल हैं।

Uttarakhand : नियमों का पालन अनिवार्य

उत्तराखंड में कांवड़ लेने के लिए ज्यादातर श्रद्धालु पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आते हैं। यही कारण है कि इस साल कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही उत्तराखंड पुलिस ने इन राज्यों के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर नियमों को लागू करने में सहयोग मांगा था।

उत्तराखंड के बॉर्डर पर ही नियमों का उल्लंघन करने वाले डीजे पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उत्तराखंड पुलिस की इस सख्ती के आगे अब डीजे कंपटीशन में हिस्सा लेने वाले कसाना डीजे जैसे बड़े ग्रुप भी अपने साथ आए अन्य डीजे संचालकों से नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं।

सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी साफ कर दिया है कि मां गंगा और भोले बाबा के भक्तों का उत्तराखंड में हमेशा स्वागत है, लेकिन यात्रा नियमों के अनुसार ही की जानी चाहिए। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे ऐसा कोई भी काम न करें जिसकी वजह से किसी और को दिक्कत हो।

सरकार का संदेश बिल्कुल साफ है, भक्ति के नाम पर किसी भी तरह का हुड़दंग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यानी, हरिद्वार में इस बार की कांवड़ यात्रा में डीजे कंपटीशन को अनुमति नहीं मिलेगी। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि कांवड़ यात्रा का आध्यात्मिक और शांतिपूर्ण माहौल बना रहे।

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