Uttarakhand : एडवेंचर टूरिज्म के लिए 40 साल बाद खुलेगा नंदा देवी पर्वत, पढ़ें!
Uttarakhand : उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को एक नई ऊंचाई देने की तैयारी चल रही है. लगभग 40 साल के अंतराल के बाद नंदा देवी पर्वत को पर्वतारोहण के लिए फिर से खोलने का एक बड़ा प्लान बनाया जा रहा है.
यह कदम राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है.
इस महत्वपूर्ण पहल के लिए भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF), पर्यटन विभाग और वन विभाग मिलकर एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं.
Uttarakhand : नंदा देवी पर प्रतिबंध का इतिहास और अब खोलने की पहल
नंदा देवी शिखर पर पर्वतारोहण पर 1983 के बाद से रोक लगा दी गई थी. यह प्रतिबंध पर्यावरणीय संवेदनशीलता और शिखर की पवित्रता को बनाए रखने के उद्देश्य से लगाया गया था.
हालांकि, अब उत्तराखंड सरकार, पर्यटन विभाग और भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन के बीच हुई उच्च-स्तरीय बैठकों में इस प्रतिबंध को हटाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में साहसिक पर्यटन और पर्वतारोहण के विस्तार पर विस्तृत चर्चा हुई. इस बैठक में भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन ने नंदा देवी शिखर को पर्वतारोहण के लिए फिर से खोलने का प्रस्ताव रखा, जिस पर गहन विचार-विमर्श किया गया.
इस रोक को हटाने से पर्वतारोहण के क्षेत्र में नंदा देवी जैसे विश्व प्रसिद्ध शिखर पर नए अवसर पैदा होंगे, जो भारत और दुनिया भर के पर्वतारोहियों को आकर्षित करेगा.
Uttarakhand : सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्वतारोहण अभियान और सुरक्षा पर जोर
नंदा देवी के अलावा, बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के दिशानिर्देशों के अनुसार सीमावर्ती पर्वत चोटियों में पर्वतारोहण अभियानों की स्वीकृति और संचालन पर भी विचार किया गया.
सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्वतारोहण अभियानों को सुरक्षित रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, जिसमें सुरक्षा प्रोटोकॉल और संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय शामिल होगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि साहसिक गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के मानकों के अनुरूप हों.
भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन के निदेशक कर्नल मदन गुरूंग ने पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. उन्होंने विशेष रूप से इस क्षेत्र में युवाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि वे इस रोमांचक और चुनौतीपूर्ण खेल में भाग ले सकें.
पर्यटन विभाग की सचिव कीर्ति पायस ने जानकारी दी कि पर्यटन विभाग साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं शुरू करने जा रहा है. ये योजनाएं न केवल पर्वतारोहण पर ध्यान केंद्रित करेंगी, बल्कि ट्रेकिंग, राफ्टिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों को भी शामिल करेंगी.
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पूजा गर्ब्याल ने पर्वतारोहण अभियानों को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक उपायों पर जोर दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्वतारोहण अभियानों के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए, जिसमें उचित उपकरण, प्रशिक्षित गाइड और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली शामिल है.
Uttarakhand : पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय रोजगार के अवसर
टीटीएफ (ट्रैवल ट्रेड फेयर) के संस्थापक राकेश पंत ने साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को भी साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए, क्योंकि यह पर्यटन क्षेत्र में नवाचार और निवेश ला सकता है.
नंदा देवी पर्वत को पर्वतारोहण के लिए फिर से खोलने से उत्तराखंड में पर्यटन को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा. यह न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को बड़ा लाभ होगा.
इसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जैसे कि गाइड, पोर्टर, होमस्टे संचालक और अन्य सेवा प्रदाता. यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास लाएगा.
बैठक में मौजूद अधिकारियों ने साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वे इस क्षेत्र में विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे, जिसमें आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास, सुरक्षा मानकों का क्रियान्वयन और साहसिक पर्यटन से संबंधित नियमों का सरलीकरण शामिल है.
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