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News : सीएम योगी पर बन रही फिल्म का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, जानें वजह!

News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित बताई जा रही फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' की रिलीज अब अधर में लटक गई है।

फिल्म के प्रोडक्शन हाउस 'सम्राट सिनेमैटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) पर मनमाने और बेवजह देरी से प्रमाण पत्र जारी न करने का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में CBFC को नोटिस जारी कर 17 जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित की है।

News : हाई कोर्ट का हस्तक्षेप और याचिका का आधार

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति डॉ. नीला गोखले की पीठ ने सम्राट सिनेमैटिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए CBFC को नोटिस भेजा। याचिका में CBFC को जल्द से जल्द फिल्म के प्रमाणन पर निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई है।

निर्माताओं का दावा है कि CBFC ने उनसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लाने की मांग की है, जिसे वे "त्रुटिपूर्ण और निराधार" बताते हैं। उनका तर्क है कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम या इसके नियमों में ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है।

News : योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म

यह फिल्म लेखक शांतनु गुप्ता की चर्चित पुस्तक 'द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' से प्रेरित बताई जा रही है। यह किताब सीएम योगी आदित्यनाथ के जीवन और उनके सार्वजनिक नेतृत्व पर केंद्रित है।

फिल्म का उद्देश्य योगी आदित्यनाथ के जीवन के अनछुए पहलुओं और एक संत से मुख्यमंत्री बनने तक के उनके सफर को बड़े पर्दे पर दिखाना है। 1 अगस्त, 2025 को इसे देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज करने की योजना है, लेकिन CBFC से हरी झंडी न मिलने के कारण इसकी रिलीज पर सवाल खड़े हो गए हैं।

News : CBFC पर निर्माताओं के गंभीर आरोप

निर्माता कंपनी का आरोप है कि CBFC फिल्म, उसके टीजर, ट्रेलर और एक प्रमोशनल गाने के सर्टिफिकेशन आवेदनों को संसाधित करने में जानबूझकर और अनुचित देरी कर रहा है। उनका सबसे बड़ा मुद्दा CMO से NOC की मांग है।

निर्माताओं के वकील रवि कदम और अधिवक्ता सतत्य आनंद व निखिल आराधे ने बताया कि CBFC ने अब तक न तो फिल्म, न ही टीजर और प्रमोशनल गाने की स्क्रीनिंग निर्धारित की है।

निर्माताओं ने अपनी याचिका में बताया है कि जिस किताब पर फिल्म आधारित है, उसे खुद मुख्यमंत्री कार्यालय ने आधिकारिक रूप से समर्थन दिया है, और इस बात की जानकारी CBFC को भी दी गई थी।

उन्होंने मुख्य फिल्म, टीजर, ट्रेलर और प्रमोशनल गाने के सर्टिफिकेशन के लिए समय पर CBFC को कई आवेदन जमा किए थे। हालांकि, CBFC सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणीकरण) नियम के तहत निर्धारित वैधानिक समय-सीमा के भीतर इन आवेदनों पर कार्रवाई करने में विफल रहा है।

News : वित्तीय नुकसान का दावा और रिलीज में देरी का प्रभाव

निर्माताओं का कहना है कि फिल्म की रिलीज में हो रही इस अप्रत्याशित देरी से उन्हें भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और प्रमोशनल सहयोग सहित प्री-रिलीज खर्च के रूप में लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।

इसके अतिरिक्त, फिल्म की रिलीज तक लगभग 10 करोड़ रुपये का और संभावित खर्च होने का अनुमान है। यह वित्तीय दबाव निर्माताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर जब फिल्म की रिलीज की तारीख नजदीक आ रही है।

News : हाई कोर्ट की टिप्पणी और आगे की प्रक्रिया

बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई की। CBFC के एक अधिकारी ने वकील नियुक्त करने के लिए समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए सेंसर बोर्ड को नोटिस जारी किया।

कोर्ट ने मौखिक रूप से यह भी टिप्पणी की कि CBFC को कानून में निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रमाण पत्र जारी करना अनिवार्य है और वह इस दायित्व से पीछे नहीं हट सकता। यह टिप्पणी निर्माताओं के पक्ष में एक महत्वपूर्ण संकेत देती है।

News : आवेदन प्रक्रिया में अनियमितताएँ

फिल्म निर्माताओं ने मुख्य फिल्म के सर्टिफिकेशन के लिए सबसे पहले 5 जून, 2025 को आवेदन किया था। प्रमाणीकरण नियमों के नियम 37 के अनुसार, CBFC को सात दिनों के भीतर आवेदनों की जांच करनी होती है और 15 दिनों के भीतर फिल्म को स्क्रीनिंग के लिए भेजना होता है। इसके बावजूद, लगभग एक महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

3 जुलाई को, याचिकाकर्ताओं ने दोबारा आवेदन किया और CBFC अधिकारियों की सलाह पर मानक शुल्क का तीन गुना भुगतान किया। 7 जुलाई को स्क्रीनिंग निर्धारित की गई थी, लेकिन एक दिन पहले ही बिना कोई स्पष्टीकरण दिए इसे अचानक रद्द कर दिया गया।

यह पूरा मामला अब कानूनी पेचीदगियों में उलझ गया है। फिल्म की रिलीज को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, और सभी की निगाहें 17 जुलाई को बॉम्बे हाई कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय देता है और क्या फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' अपनी निर्धारित तिथि पर रिलीज हो पाती है।

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