राइफलमैन सूरज सिंह नेगी की शहादत: बारामूला में देश की रक्षा करते हुए कोटद्वार के वीर सपूत ने दी जान
कोटद्वार (गढ़वाल)। जम्मू-कश्मीर के बारामूला क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान क्रॉस फायरिंग में घायल होकर 25 वर्षीय राइफलमैन सूरज सिंह नेगी ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। गोरखा रेजिमेंट में तैनात वीर जवान का पार्थिव शरीर देर रात सेना के विशेष वाहन से कोटद्वार के कौड़िया कैंप में पहुंचा, जहां लोगों ने नम आंखों से अपने सपूत का स्वागत किया।
हर ओर गूंजे — “सूरज सिंह अमर रहें” के नारे
शनिवार सुबह लालपुर गांव में राइफलमैन सूरज सिंह नेगी का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हजारों लोगों ने “भारत माता की जय” और “सूरज सिंह अमर रहें” के नारों के बीच उन्हें अंतिम विदाई दी। गांव से लेकर पूरे कोटद्वार में शोक और गर्व का माहौल रहा।
दो भाइयों में छोटे थे सूरज, 2021 में हुई थी भर्ती
शहीद सूरज सिंह नेगी, दो भाइयों में सबसे छोटे थे। वे वर्ष 2021 में गोरखा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे और कम उम्र में ही देश की सेवा को अपना धर्म बना लिया था। उनके माता-पिता और बड़े भाई पंकज नेगी ने इस अपूरणीय क्षति पर गहरा शोक जताया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर लिखा —“जम्मू-कश्मीर के बारामूला क्षेत्र में मां भारती की सेवा करते हुए कोटद्वार के वीर पुत्र, राइफलमैन सूरज सिंह नेगी के शहीद होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। आपकी वीरता और बलिदान को नमन। आपकी शौर्यगाथा सदैव हमारी स्मृतियों में जीवंत रहेगी।”
कुछ दिन पहले ही छुट्टी से लौटे थे
सूरज सिंह सितंबर माह में छुट्टी पर घर आए थे और कुछ दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे। बारामूला के सीमावर्ती क्षेत्र में हुई अचानक क्रॉस फायरिंग के दौरान उन्हें गोली लगी। गंभीर रूप से घायल सूरज को तुरंत सैन्य चिकित्सालय ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
पूरे गढ़वाल में शोक और गर्व की लहर
लालपुर वार्ड-19 के पार्षद नेत्र मोहन असवाल ने बताया कि सूरज का बलिदान पूरे गांव और प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उनकी साहस, कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति ने सभी को प्रेरित किया है। राइफलमैन सूरज सिंह नेगी की शहादत को गढ़वाल ही नहीं, पूरे उत्तराखंड और भारत सदैव याद रखेगा।
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