Who is आर्यन मान? DU छात्रसंघ चुनाव में ABVP प्रत्याशी को मिला संजय दत्त का समर्थन
नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (DUSU Election 2025) का चुनावी प्रचार अपने चरम पर है। मंगलवार को प्रचार के आखिरी दिन संगठनों ने पूरी ताकत झोंक दी। इस बार चर्चा का बड़ा कारण बने हैं ABVP के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आर्यन मान, जिन्हें बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त का समर्थन मिल रहा है।
आर्यन मान ने खुद अपने इंस्टाग्राम पर संजय दत्त का एक वीडियो साझा किया है। वीडियो में संजय दत्त उन्हें अपना भतीजा बताते हुए छात्रों से वोट देने की अपील करते नज़र आ रहे हैं।
कौन हैं आर्यन मान?
आर्यन मान हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं। उनका परिवार लंबे समय से शराब कारोबार से जुड़ा रहा है।
दादा स्व. श्रीचंद मान लोवा सत्रह खाप के प्रधान रह चुके हैं।
पिता सिकंदर मान, झज्जर के बेरी इलाके स्थित ADS Spirit Pvt. Ltd. शराब फैक्ट्री के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं और दो बार लोवा कलां गांव के सरपंच भी रह चुके हैं।
ताया दलबीर मान हरियाणा के बड़े शराब कारोबारी माने जाते हैं और राजनीति में सक्रिय हैं। वे लंबे समय तक भूपेंद्र हुड्डा के करीबी रहे, लेकिन बाद में उनका झुकाव बीजेपी की ओर हो गया।
ऐसे कारोबारी और राजनीतिक बैकग्राउंड से आने वाले आर्यन मान इस बार DUSU चुनाव में ABVP की तरफ से अध्यक्ष पद के दावेदार हैं।
आर्यन को मिल रहा है सितारों और नेताओं का समर्थन
संजय दत्त का वीडियो चुनावी माहौल को और गरमा गया है। बताया जा रहा है कि संजय दत्त और आर्यन के पिता सिकंदर मान के बीच करीबी रिश्ते हैं। इसके अलावा मनोज तिवारी, यूपी सरकार के मंत्री दया शंकर, बीजेपी नेता सतीश पुनिया और दिल्ली के कई सांसद भी ABVP के लिए प्रचार कर रहे हैं।
ABVP ने अपने केंद्रीय पैनल में:
आर्यन मान – अध्यक्ष पद
गोविंद तंवर – उपाध्यक्ष पद
कुणाल चौधरी – सचिव पद
दीपिका झा – संयुक्त सचिव पद
को उम्मीदवार बनाया है।
NSUI भी पूरी ताकत से मैदान में
उधर कांग्रेस से जुड़े NSUI के लिए बड़े नेता प्रचार संभाले हुए हैं। सचिन पायलट, कन्हैया कुमार, अजय राय और देवेंद्र यादव लगातार कैंपेन कर रहे हैं। इस बार भी चुनाव में ABVP और NSUI के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है।
पिछले चुनावी नतीजे
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव का इतिहास बताता है कि यहां हमेशा ABVP और NSUI के बीच कड़ी टक्कर रही है।
2019 और 2023 के चुनावों में ABVP ने बड़ी जीत हासिल की थी और केंद्रीय पैनल पर कब्जा जमाया था।
NSUI ने 2017 में जोरदार वापसी की थी, लेकिन उसके बाद लगातार पिछड़ रही है।
लेफ्ट संगठनों का प्रभाव हाल के वर्षों में कम रहा है, हालांकि कई कॉलेजों में उनका दखल अब भी बना हुआ है।
यानी इस बार का चुनाव दोनों ही संगठनों के लिए प्रतिष्ठा की जंग है।
कब होगी वोटिंग और मतगणना?
वोटिंग: 18 सितंबर (दो सत्रों में)
मतगणना: 19 सितंबर
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