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विंध्याचल धाम में उमड़ा श्रद्धा का सागर, अष्टमी पर भक्तों की भारी भीड़

मिर्जापुर। शारदीय नवरात्र की अष्टमी के पावन अवसर पर विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में आस्था की गंगा उमड़ पड़ी। हजारों की संख्या में श्रद्धालु आधी रात से ही मां के दर्शन के लिए पहुंचने लगे और तड़के तक मंदिर परिसर जयकारों से गूंजता रहा।

भक्तों ने मां विंध्यवासिनी को नारियल, चुनरी, पुष्प और प्रसाद अर्पित कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। मंदिर की ओर बढ़ती लंबी कतारों में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए थे।

नवरात्र के दौरान मंदिर केवल अल्प समय के लिए—भोर 3 से 4 बजे के बीच—साफ-सफाई और आरती के लिए बंद किया जाता है। सुबह चार बजे मंगला आरती के साथ पुनः कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं। प्रतिदिन चार प्रहर में चार विशेष आरतियाँ आयोजित की जा रही हैं।

अन्य मंदिरों में भी रही आस्था की धूम

मां विंध्यवासिनी धाम के साथ-साथ काली खोह और अष्टभुजा मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालु भक्तिभाव से दर्शन कर स्वयं को सौभाग्यशाली मानते नजर आए।

धार्मिक ग्रंथों के सम्मान हेतु जागरूकता अभियान

विंध्याचल धाम में चल रहे धार्मिक आयोजनों के बीच श्री रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ संरक्षण अभियान समिति ने धार्मिक ग्रंथों के संरक्षण और सम्मान को लेकर एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया। समिति के राष्ट्रीय संयोजक ज्ञान प्रकाश शुक्ला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मां विंध्यवासिनी का पूजन किया और श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किए जाने की मांग दोहराई।

इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी विकास मिश्रा, दिनेश सिंह, साकेत मिश्रा, आशुतोष शुक्ला, शैलेंद्र मिश्रा, पंकज, विपिन, नितिन, सौरभ शास्त्री और पिंटू सहित कई स्वयंसेवक मौजूद रहे।

प्रशासनिक अमला रहा सक्रिय

जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने मौके पर पहुंचकर मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए तैनात पुलिस बल को श्रद्धालुओं के साथ संवेदनशीलता, सजगता और समर्पण के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

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